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बगीचा थाना क्षेत्र के बुटूंगा गांव में जंगल में 5 अप्रैल को पेड़ से फंदे पर लटकी युवती की लाश मिलने के मामले में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। हत्या के इस मामले को आत्महत्या बताकर फाइल बंद कर दी गई थी। अब इस मामले में बगीचा बीएमओ डॉ. सुनील लकड़ा और बगीचा थाने में पदस्थ एएसआई अजीत लाल टोप्पो पर कार्रवाई की गई है। जशपुर कलेक्टर और एसएसपी ने दोनों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।
पुलिस ने इस मामले में एक युवक को गिरफ्तार किया है, जो राजमिस्त्री का काम करता है। जानकारी के अनुसार, 6 अप्रैल को ग्राम पंचायत बुटूंगा के सरपंच नकुल साय ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि उनकी बेटी प्रतिमा बाई 5 अप्रैल को बिना बताए घर से चली गई थी। अगले दिन उसकी लाश जुल्फी टोंगरी जंगल में पेड़ से लटकी मिली।
डॉक्टर ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट में इसे आत्महत्या बताया और पुलिस ने फाइल बंद कर दी। परिजन को शक था कि यह आत्महत्या नहीं, हत्या है। उन्होंने एसएसपी कार्यालय पहुंचकर शिकायत की। एसएसपी शशि मोहन सिंह के निर्देश पर मामले की दोबारा जांच की गई। तब गला दबाकर हत्या की पुष्टि हुई। पूछताछ में आरोपी प्रमोद राम ने बताया कि वह प्रतिमा से शादी करना चाहता था, लेकिन प्रतिमा ने अपने माता-पिता की पसंद से शादी करने की बात कही। इसी बात से नाराज होकर आरोपी ने गला दबाकर उसकी हत्या कर दी और चुनरी से फंदा बनाकर पेड़ से लटका दिया। उसने मोबाइल जंगल में फेंक दिया और सिम कार्ड जला दिया।
युवती को आए अंतिम कॉल से मिला सुराग जांच में पता चला कि मृतका का प्रेम संबंध गांव के ही प्रमोद राम से था। मृतका की शादी घरवालों ने कहीं और तय कर दी थी। पुलिस को जानकारी मिली कि घटना वाले दिन प्रमोद राम जंगल में प्रतिमा से मिलने गया था। मृतका की अंतिम कॉल प्रमोद राम को ही गई थी।
कर्तव्य के प्रति लापरवाही की ^बगीचा थाना प्रभारी ने बताया कि डॉक्टर और एएसआई ने आरोपी से कोई सेटलमेंट नहीं किया था, क्योंकि आरोपी कोई पैसे वाला नहीं है। वह राजमिस्त्री का काम करता है। सिर्फ कर्तव्य के प्रति लापरवाही के कारण इतने बड़े अपराध पर पर्दा डाल दिया गया था।