
अक्टूबर 2023 में भी एक मिसाइल पंजाब से दागी गई थी, जो डेरा बुगती के पास एक न्यूक्लियर फैसिलीटी के बेहद करीब गिरी थी। वो एक आबादी वाले इलाके से महज कुछ सौ मीटर की दूरी पर गिरी थी, जिससे तबाही मच सकती थी। शाहीन-3 मिसाइल की शक्ति अब गंभीर सवालों के घेरे में है।

बलूच नेता मीर यार बलूच ने एक बयान जारी करते हुए पाकिस्तान सेना की कड़ी निंदाकी है। उन्होंने इस परीक्षण को बलूचिस्तान की क्षेत्रीय संप्रभुता और नागरिक सुरक्षा का उल्लंघन करार दिया है। उन्होंने कहा है कि बलूच रिपब्लिक ने इसे “सैन्य दखल के नाम पर सुनियोजित विस्थापन और खनिज संसाधनों की लूट” की साजिश करार दिया है। उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा है कि “बलूचिस्तान रिपब्लिक, पाकिस्तान के मिसाइल परीक्षणों की बार-बार होने वाली नाकामी की कड़ी निंदा करता है, जो बलूचिस्तान की क्षेत्रीय अखंडता का उल्लंघन करते हैं और नागरिकों के जीवन को खतरे में डालते हैं।
पाकिस्तान की शाहीन-3 मिसाइल के नाकाम होने का दावा
स्थानीय बलूच नागरिकों के मुताबिक “पाकिस्तान की सेना ने मंगलवार 22 जुलाई 2025 को बलूचिस्तान रिपब्लिक में एक मिसाइल टेस्ट का नाकाम प्रयोग किया है।” आपको बता दें कि यह कोई पहली बार नहीं है जब पाकिस्तान की मिसाइल टेस्टिंग से बलूचिस्तान के नागरिकों की जान पर बन आई हो। अक्टूबर 2023 में भी एक मिसाइल पंजाब से दागी गई थी, जो डेरा बुगती के पास एक न्यूक्लियर फैसिलीटी के बेहद करीब गिरी थी। वो एक आबादी वाले इलाके से महज कुछ सौ मीटर की दूरी पर गिरी थी, जिससे तबाही मच सकती थी। इससे पहले मई 1998 में पाकिस्तान ने बलूचों की इजाजत के बिना चगाई जिले में अपने सभी 6 परमाणु परीक्षण किए थे। इसका असर आज भी इलाके में देखा जा रहा है और उस इलाके के लोग आज भी कैंसर, त्वचा रोग से पीड़ित होते रहते हैं। इसके अलावा पूरे क्षेत्र का जल प्रदूषित हो चुका है।