
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर एक महिला मित्र के साथ सार्वजनिक रूप से अश्लील हरकत करने के मामले में गिरफ्तार भाजपा नेता मनोहर लाल धाकड़ को कोर्ट से जमानत मिल गई है. धाकड़ के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 296 (सार्वजनिक स्थान पर अश्लीलता), धारा 285 (जान-माल को खतरे में डालना) और 3(5) (सामूहिक अपराध) के तहत मामला दर्ज किया गया था.
पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया था, जहां से उन्हें जमानत दे दी गई. यह मामला सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो के बाद सामने आया था, जिसमें आरोपी महिला के साथ अनुचित व्यवहार करते दिखे थे. हालांकि, सभी धाराएं जमानती हैं और अदालत ने आरोपी को राहत दे दी है.
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर गाड़ी से उतरकर अपने महिला मित्र से अश्लील हरकत करने वाले आरोपी भाजपा नेता को भारतीय न्याय संहिता 2023 (BNS) की विभिन्न धाराओं के तहत गिरफ्तार किया गया था. हाइवे पर खुलेआम अश्लील हरकत करना कितना गंभीर अपराध है? इस पर सजा का कितना प्रावधान है? आइए जानते हैं.
मनोहर लाल धाकड़ पर लगी धारा 296 क्या है?
भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 296 तब लगाई जाती है जब कोई व्यक्ति सार्वजनिक स्थान पर अश्लील हरकतें करते हुए पकड़ा जाता है. यह धारा उन मामलों में लागू होती है जहां किसी की अश्लीलता दूसरों को असहज या परेशान करती है. हालांकि यह एक हल्की श्रेणी का अपराध माना जाता है और इसमें कोई बहुत कठोर दंड का प्रावधान नहीं है. सबसे जरूरी यह है कि अदालत में आरोप साबित होना जरूरी होता है.
धाकड़ पर लगी धारा 285 और 3(5)? क्या है?
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर अश्लील हरकत करने के मामले में आरोपी मनोहर लाल धाकड़ पर भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 285 और धारा 3(5) लगाई गई.
धारा 285: जान-माल को खतरे में डालना
यह धारा तब लगाई जाती है जब कोई व्यक्ति लापरवाही से ऐसा काम करता है जिससे मानव जीवन या संपत्ति को खतरा हो सकता है, जैसे वाहन को असुरक्षित स्थान पर खड़ा करना. अगर आरोप सिद्ध हो जाता है तो इसमें छह महीने तक की जेल, एक हजार रुपये तक का जुर्माना, या दोनों की सजा हो सकती है.
धारा 3(5): सामूहिक अपराध
यह धारा तब लगाई जाती है जब किसी अपराध में एक से अधिक व्यक्ति शामिल हों. चूंकि वीडियो में एक महिला भी नजर आ रही है, इसलिए इसे सामूहिक अपराध मानते हुए यह धारा जोड़ी गई है.